आओ साथ मिल
बैठे, न जिद
हो मंदिर, न
मस्जिद बनाने की
खुदा की खुदाई भी हो जन्हा, राम के गीत भी गाए जायें, चलो ऐसा जंहा बनाये!!
न दो तूल अब इतना की, रूह बाबर की सोच बैठे,क्या गुनाह कर बैठा, तेरी ज़मीं पर खुदा का नाम लेकर मैं !!
अजाने गूंजे मंदिर के प्रान्गड़ से, भजन के गीत सुनाई दे मस्जिद के गुम्बज से
खुदा का कौन बंदा है , कौन भगत है मेरा, जो ये भेद मिट जाये तो आस्था खिलखिलाएगी, खुदाई नाच उठेगी !!
खुदा की खुदाई भी हो जन्हा, राम के गीत भी गाए जायें, चलो ऐसा जंहा बनाये!!
घाव तुम्हारे दिल में
भी ,घाव मेरे
दिल में भी,
कंही नासूर न
बैठे
चलो मरहम लगाये
अब, न जिद
हो मंदिर, न
मस्जिद बनाने की, चलो
ऐसा जंहा बनाये!!
न दो तूल
अब इतना की,
वो अफ़सोस कर
बैठे, इन्सां क्यूँ
बनाया था
न तो तूल
अब इतना की,
राम अफ़सोस कर
बैठे, अपनी जन्मभूमि
पर !न दो तूल अब इतना की, रूह बाबर की सोच बैठे,क्या गुनाह कर बैठा, तेरी ज़मीं पर खुदा का नाम लेकर मैं !!
न दो तूल
अब इतना की,
आस्था लज्जित हो
जाये,खुदाई शर्मिनिदगी
में सोचने को
मजबूर हो जाये,
इन्सां क्यूँ बनाया था
!!!
तुम्हारी आग्यानता का नाश
करने ,गर राम
आ सकते , तो
खुदा के साथ
आकर कह जाते
ऐ जगती आँखों
से सोने वालो,
नई
सोच
का आगाज़ कर
देखो !अजाने गूंजे मंदिर के प्रान्गड़ से, भजन के गीत सुनाई दे मस्जिद के गुम्बज से
खुदा का कौन बंदा है , कौन भगत है मेरा, जो ये भेद मिट जाये तो आस्था खिलखिलाएगी, खुदाई नाच उठेगी !!
न दो तूल
अब इतना की
वो अफ़सोस कर
बैठे इन्सां क्यूँ
बनाया था,आओ
साथ मिल बैठे
न जिद हो
न मंदिर न
मस्जिद बनाने की !!!!!